संगीत की उत्पत्ति ब्रह्मा द्वारा हुई। ब्रह्मा ने आध्यात्मिक शक्ति द्वारा यह कला देवी सरस्वती को दी। सरस्वती को 'वीणा पुस्तक धारणी' कहकर और साहित्य की अधिष्ठात्री माना गया है। इसी आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा सरस्वती ने नारद को संगीत की शिक्षा प्रदान की। नारद ने स्वर्ग के गंधर्व किन्नर तथा अप्सराओं की संगीत शिक्षा दी।
वहां से ही भरत, नारद और हनुमान आदि ऋषियों ने संगीत कला का प्रचार पृथ्वी पर किया। आध्यात्मिक आधार पर एक मत यह भी है कि नारद ने अनेक वर्षों तक योग-साधना की तब शिव ने उन्हें प्रसन्न होकर संगीत कला प्रदान की थी।
आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा ही पार्वती की शयन मुद्रा को देखकर शिव ने उनके अंग-प्रत्यंगों के आधार पर रूद्रवीणा बनाई और अपने पांच मुखों द्वारा पांच रागों की उत्पत्ति की। इसके बाद छठा राग पार्वती के मुख द्वार से उत्पन्न हुआ था।t
3) Topic : Alankar Banane / Date: 28th august
Part A - Theory / Part B - Practical
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